दर्द मेरे वो मिटा गया,मुझे जीना सीखा रहा
जो चोट लगी है मुझे, महसूस वो कर रहा
जो चोट लगी है मुझे, महसूस वो कर रहा
जिंदगी बड़ी खूबसूरत है,उसे जन्नत बना रहा
कितना अनोखा बंधन है,खामोश रह के सब कह रहा
कितना अनोखा बंधन है,खामोश रह के सब कह रहा
रह ना पाएगा गम कभी,अहसास वो करा रहा
साये की तह बन के,साथ मेरा निभा रहा
साये की तह बन के,साथ मेरा निभा रहा
-विंध्यवासिनी सिंह
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