हमने कभी एक दूसरे से तलाक नहीं ली। हम उस तरह अलग नहीं हुए। हम साथ हैं। वह देश की सेवा के लिए घर छोड़कर चले गए और इस तरह हम अलग हो गए।

ये कहना है मोदी जी की पत्नी का ,अपने अधिकारों के लिए बार बार आवाज उठा रहीं हैं जसोदा बेन ,जो की उचित भी है ,प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते उनको वो सारी सुविधा और सुरक्षा मिलनी चाहिए जो की किसी भी प्रधानमंत्री की पत्नी को मिलता है,कुछ महिनों पहले तक कोई नहीं जनता था जसोदा बेन कौन है ,आज उनकी जो भी पहचान है वो यही है की वो pm मोदी की पत्नी हैं ,फिर उनके साथ ये दोहरापन क्यों ?मोदी जी ने देश सेवा की भावना में घर परिवार का त्याग किया ,इस बात में कोई संदेह नहीं है,बल्कि हम आदर करते हैं उनके इस निर्णय का ,और जसोदा बेन के धैर्य का भी जवाब नहीं,पति से अलग होने के बावजूद पत्नी धर्म का निर्वहन कर रहीं हैं और हमारे समाज में आदर्श स्थापित कर रहीं हैं ,ये मुद्दा अब निजी न होके राष्ट्रीय हो गया है ,जसोदाबेन अब राष्ट्र के मुखिया की पत्नी हैं जैसा की मोदी जी ने खुद फॉर्म में लिख के स्वीकार किया हैं ,अब उनकी जान कीमती हो गयी है,ऐसे में उनके सुरक्षा में हुई चूक पुरे देश के ऊपर सवाल खड़ा करेगा ,इस लिए जसोदाबेन की सुरक्षा जरुरी भी है और उनका हक़ भी है.62-वर्षीय जशोदा बेन उच्च स्तरीय विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के कवर की 100 फीसदी हकदार हैं और मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही जशोदा बेन को भी सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए |
पूर्व सचिव (सुरक्षा) और मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुभाष चंद्र त्रिपाठी ने पीटीआई को बताया कि एसपीजी अधिनियम सीधे तौर पर कहता है कि उसे प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों को सुरक्षा उपलब्ध करवानी होगी।
जशोदाबेन और उनके पति के बीच के रिश्तों की वस्तुस्थिति के बावजूद यह नियम उनपर भी लागू होता है। त्रिपाठी पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल के कार्यकाल के दौरान सुरक्षा सचिव रह चुके हैं।
vindhyawasini singh
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